मुस्कानों की भाषा लिखूं
Read More
कुछ यादें
Read More
कुछ भूलें
Read More
फिर आ गये वे दस दिन
Read More
मन गीत गुने
Read More
बैठे-ठाले यूं ही
Read More
वह घाव पुराना
Read More
असम्भव
Read More
विज्ञापन
Read More
ज़िन्दगी क्यों हारती है
Read More
अपने-आप से मिलना
Read More
सब ठीक है
Read More
रोशनी की एक लकीर
Read More
लिखने के लिए

कविता लिखने के लिए

शब्दों की एक सीमा है

मेरे भीतर,

जो कट जाती है उस समय ,

जब मुझे कविता नहीं लिखनी होती

मरना बड़ा जरूरी है
Read More
निर्दोष
Read More
न होना
Read More
दुनिया कहती है
Read More
अपनापन
Read More
हाथों में हाथ हो
Read More
वक्त कहां किसी का
Read More
जब आग लगती है
Read More
अनुभव की बात है
Read More
मधुर-मधुर पल
Read More
तीर खोज रही मैं
Read More
नेह का बस एक फूल
Read More
नेह की पौध
Read More
मन में एक विश्चास हो
Read More
न छूट रहे लगाव थे
Read More
तलाश
Read More