कुछ यादें

काश !

भूल पाते

कुछ यादें, कुछ बातें

तो आज जि़न्‍दगी

कितनी आसान होती

कुछ भूलें तुमने की

कुछ भूलें हमने  की।

कुछ की गठरी

तुमने अपनी पीठ पर बांध ली

और कुछ की मैंने

और विपरीत दिशा में चल दिये