अपनापन

जब किसी अपने

या फिर

किसी अजनबी के साथ

समय का

अपनत् होने लगता है,

तब जीवन की गाड़ी

सही पहियों पर

आप ही दौड़ने लगती है,

और गंतव् तक

सुरक्षित

लेकर ही जाती है।