क्या यह दृष्टि-भ्रम है
क्या यह दृष्टि-भ्रम है ?
मुझे नहीं दिखती
गहन जलप्लावन में
सिर पर टोकरी रखे
बच्चे के साथ गहरे पानी में
कोई माँ, डूबती-सी।
-
नहीं अनुभव होता मुझे
किसी किशन कन्हैया
नंद बाबा
यशोदा मैया या देवकी का।
-
शायद बहुत भावशून्य हूँ मैं,
आप कह सकते हैं।
-
मुझे दिखती हैं
अव्यवस्थाएँ
महलों में बनती योजनाएँ
दूरबीन से देखते
डूबता-तिरता आम आदमी
बोतलों में बन्द पानी
विमान से बनाते बांध
आकाश से गिरता भोजन।
-
कुछ दिन में आप ही
निकल जायेगा जल
सम्हल जायेगा आम आदमी
अगले वर्ष की प्रतीक्षा में।
-
लेकिन बस इतना ध्यान रहे
विभीषिका नाम, स्थान,
समय और काल नहीं देखती।
झोंपड़िया टूटती हैं
तो महल भी बिखर जाते हैं।