सहज भाव से जीना है जीवन

कल क्या था,बीत गया,कुछ रीत गया,छोड़ उन्हें

खट्टी थीं या मीठी थीं या रिसती थीं,अब छोड़ उन्हें

कुछ तो लेख मिटाने होंगे बीते,नया आज लिखने को

सहज भाव से जीना है जीवन,कल की गांठें,खोल उन्हें