सर्वगुण सम्पन्न कोई नहीं होता

जान लें हम सर्वगुण सम्पन्न तो यहां कोई नहीं होता

अच्छाई-बुराई सब साथ चले, मन यूं ही दुख में रोता

राम-रावण जीवन्त हैं यहां, किस-किस की बात करें

अन्तद्र्वन्द्व में जी रहे, नहीं जानते, कौन कहां सजग होता