सरकार यहां पर सोती है

पत्थरों को पूजते हैं, इंसानियत सड़कों पर रोती है।

बस मन्दिर खुलवा दो, मौत सड़कों पर होती है।

मेहनतकश मज़दूरों को देख-देखकर दिल दहला है।

चुप रहना, शोर न करना, सरकार यहां पर सोती है।