समय समय की बात

वस्त्र सुन्दर, मूल्यवान, यूं अलमारी में चन्द पड़े हैं,

क्या पहने, अब बात नहीं होती घर में बन्द खड़े हैं,

तह लगाते, तह पलटते, देखें कहीं दीमक न खाए

स्वर्णाभूषण यूं लगते मानों देखो सारे जंग गड़े हैं।