सत्ता की चाहत है बहुत बड़ी

साईकिल, हाथी, पंखा, छाता, लिए हाथ  में खड़े  रहे

जब  से आया झाड़ूवाला सब इधर-उधर हैं दौड़ रहे

छूट न जाये,रूठ न जाये, सत्ता की चाहत है बहुत बड़ी

देखेंगे गिनती के बाद कौन-कौन कहां-कहां हैं गढ़े रहे