शुभकामना संदेश

आज मन उदास है। उदास नहीं, कहते हैं न कि आज मन बहुत खराब है।

क्या किसी को शुभकामना संदेश भेजने से मन खराब हो सकता है ? हाँ , हो सकता है। मेरा हुआ। एक नहीं दो-दो बार।

और शुभकामना संदेश भी साधारण नहीं, जन्मदिन की शुभकामनाएँ। जन्मदिवस का एक सुन्दर-सा संदेश भेजने पर मेरा मन दो बार बहुत खराब हुआ और मुझे शर्मिन्दगी महसूस हुई। है न एक बहुत ही अजीब बात। किन्तु मेरे साथ ऐसा ही हुआ।

मेरे फ़ेसबुक की सूची के अनुसार मेरे 2600 से अधिक मित्र हैं और 644 विचाराधीन सूची में हैं। अब फ़ेसबुक कहती है कि मेरे इतने मित्र हैं तो अपना अहोभाग्य। किन्तु मेरे परिचय में और निकट कितने हैं यह तो मैं भी नहीं जानती। लगभग 100 तो मेरे पुराने सहकर्मी, कुछ कवि-लेखक और अन्य, जिन्होंने मुझे मित्र के रूप में चुना और कुछ को मैंने उन्हें मित्र के रूप में चुना।

किन्तु आज सोचने के लिए विवश हुई कि वास्वत में मित्र कितने हैं। व्यक्तिगत सम्पर्क किसी से नहीं, वार्तालाप, बातचीत शायद किसी से नहीं। लेखक-कवियों से केवल प्रतिक्रियाओं का आदान-प्रदान। वैसे भी मुझे मित्र बनाना और निभाना आता ही नहीं। जीवन में मित्रों का अभाव मैंने सदैव अनुभव किया है, एक टीस रही है मेरे भीतर।

विषयान्तर हो गया।

मैंने अपने इन परिचित-अपरिचित  फ़ेसबुक मित्रों के प्रति एक नियम बनाया है, वही नियम आज मेरा मन खराब कर गया। फ़ेसबुक प्रतिदिन एक सूची देता है मित्रों के शुभ जन्मदिन की। मैंने नियम बनाया है कि इन अपरिचित मित्रों को अवश्य ही जन्मदिवस की शुभकामना संदेश प्रेषित करूँ।पूरे वर्ष में एक बार ही सही, दो अच्छे वाक्यों का आदान-प्रदान। मैं यह मानकर चलती रही कि मेरा शुभकामना संदेश मेरे फ़ेसबुक मित्र को अच्छा ही लगेगा और उनकी ओर से मिलने वाले धन्यवाद से मेरा मन भी आह्लादित होता है।

किन्तु पिछले सप्ताह जब मैंने ऐसे ही एक मित्र को जन्मदिन की शुभकामना संदेश भेजा तब उनके पुत्र का उत्तर में विनम्र संदेश मिला कि इनका निधन हुए एक वर्ष बीत चुका है। मुझे बेहद बुरा लगा, न तो अफ़सोस करने लायक न उत्तर देने लायक रही मैं। फिर भी मैंने क्षमा माँगी और खेद जताया।

दो दिन पहले फिर ऐसा ही हुआ। किन्तु इस बार संदेश में थोड़ी-सी कटुता थी कि इनका तो निधन हो चुका है और आप जन्मदिन का संदेश भेज रही हैं। मैंने यहाँ भी क्षमा माँगी और खेद व्यक्त किया।

किन्तु मैंने पाया कि दोनों के ही फ़ेसबुक खाते चल रहे हैं।

अब जिनका निधन हो चुका है उनके खाते परिवार ने बन्द क्यों नहीं किये?

अब असमंजस में हूँ कि जन्मदिन के संदेश भेजना जारी रखूँ अथवा बन्द कर देने चाहिए, आप क्या परामर्श देते हैं,?