शब्द नहीं, भाव चाहिए

शब्द नहीं, भाव चाहिए
अपनों को अपनों से
प्यार चाहिए
उंची वाणी चाहे बोलिए
पर मन में एक संताप चाहिए
क्रोध कीजिए, नाराज़गी जताईये
पर मन में भरपूर विश्वास चाहिए
कौन किसका, कब कहां
दिखाने की नहीं
जताने की नहीं
समय आने पर 
अपनाने की बात है। 
न मांगने से मिलेगा
न चाहने से मिलेगा,
सच्चे मन से 
भावों का आदान-प्रदान चाहिए
आदर-सत्कार तो कहने की बात है
शब्द नहीं, भाव चाहिए,
अपने-पराये का भेद भूलकर 
बस एक भाव चाहिए।