विश्वास के लायक कहीं कोई मिला नहीं था

जीवन में क्यों कोई हमारे हमराज़ नहीं था

यूं तो चैन था, हमें कोई एतराज़ नहीं था

मन चाहता है कि कोई मिले, पर क्या करें

विश्वास के लायक कहीं कोई मिला नहीं था