रोशनी का बस एक तीर

रोशनी का बस एक तीर निकलना चाहिए

छल-कपट और  पाप का घट फूटना चाहिए

तुम राम हो या रावण, कर्ण हो या अर्जुन

बस दुराचारियों का साहस तार-तार होना चाहिए