रिश्तों का असमंजस

कुछ रिश्ते

फूलों की तरह होते हैं

और कुछ कांटों की तरह।

फूलों को सहेज लीजिए

कांटों को उखाड़ फेंकिए।

नहीं तो, बहुत

असमंजस की स्थिति

बनी रहती है।

किन्तु, कुछ कांटे

फूलों के रूप में आते हैं ,

और कुछ फूल

कांटों की तरह

दिखाई देते हैं।

और कभी कभी,

दोनों

साथ-साथ उलझे भी रहते हैं।

बड़ा मुश्किल होता है परखना।

पर परखना तो पड़ता ही है।