राम से मैंने कहा

राम से मैंने कहा, लौटकर न आना कभी इस धरा पर किसी रूप में।

सीता, लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान, उर्मिला नहीं मिलेंगें किसी रूप में।

किसने अपकर्म किया, किसे दण्ड मिला, कुछ तो था जो सालता है,

वही पुरानी लीक पीट रहे, सोच-समझ पर भारी धर्मान्धता हर रूप में