रंगों की दुनिया बड़ी निराली है

सुनते हैं इन्द्रधनुष के सप्त रंगों में श्वेताभा रहती है,

कैसे कह दूं इन रंगीनियों के पीछे कोई आस रहती हैं

रंगों की दुनिया बड़ी निराली है कौन कहां समझ पाया,

रंगों क भी भाव होते हैं, इतनी समझ हमें कहां आ पाती है।