यह दिल की बात है

कभी दिल है

कभी दिलदार होगा

बादलों में

यूं हमारा नाम होगा

कभी होती है झड़ी

कभी चांद का रोब-दाब होगा

देखो , झांकती है रोशनी

कहती है दिलदार से

दीदार होगा

कभी टूटते हैं

कभी जुड़ते हैं दिल

इस बात का भी

कोई तो जवाबदार होगा

ज़रा-सी आह से

पिघल जाते हैं,

ऐसे दिल से दिल लगाकर,

कौन-सा सरोकार होगा

बदलते मौसम के आसार हैं ये

न दिल लगा

नहीं तो बुरा हाल होगा