मैंने तो बस यूं बात की

न मिलन की आस की , न विरह की बात की

जब भी मिले बस यूं ही ज़रा-सी बात ही बात की

ये अच्‍छा रहा, न चिन्‍ता बनी, न मन रमा कहीं

कुछ और न समझ लेना मैंने तो बस यूं बात की