मेहनत की ज़िन्दगी है

प्रेम का प्रतीक है

हाथ में मेरे

न देख मेरा चेहरा

न पूछ मेरी आस।

भीख नहीं मांगती

दया नहीं मांगती

मेहनत की ज़िन्दगी है

छोटी है तो क्या

मुझ पर न दया दिखा।

मुझसे ज्यादा जानते हो तुम

जीवन के भाव को।

न कर बात यूं ही

इधर-उधर की

लेना हो तो ले

मंदिर में चढ़ा

किसी के बालों में लगा

कल को मसलकर

सड़कों पर गिरा

मुझको क्या

लेना हो तो ले

नहीं तो आगे बढ़