मेरा भारत महान

ऐसे चित्र देखकर

मन द्रवित, भावुक होता है,

या क्रोधित,

अपनी ही समझ नहीं आता।

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कुछ कर नहीं सकते,

या करना नहीं चाहते,

किंतु बनावट की कहानियां,

इस तरह की बानियां,

गले नहीं उतरतीं।

मेरा भारत महान है।

महान ही रहेगा।

पर रोटी, कपड़ा, मकान

की बात कौन करेगा?

सोचती हूं

बच्चे के हाथ में

किसने दी

स्लेट और चाॅक,

और कौन सिखा रहा

इसे लिखना

मेरा भारत महान?

स्लेट की जगह दो रोटी दे देते,

और देते पिता को कोई काम।

बच्चे के तन पर कपड़े होते,

तब शायद मुझे लगता,

मेरा भारत और भी ज़्यादा महान।