मुस्कुराहटें बांटती हूँ

टोकरी-भर मुस्कुराहटें बांटती हूँ।

जीवन बोझ नहीं, ऐसा मानती हूँ।

काम जब ईमान हो तो डर कैसा,

नहीं किसी का एहसान माँगती हूँ।