मन कुहुकने लगा है

इधर भीतर का मौसम

करवटें लेने लगा है

बाहर शिशिर है

पर मन बहकने लगा है

चली है बासंती बयार

मन कुहुकने लगा है

तुम्हारी बस याद ही आई

मन महकने लगा है