मन उदास-उदास क्यों है

हवाएं बहक रहीं

मौसम सुहाना है

सावन में पंछी कूक रहे

वृक्षों पर

डाली-डाली

पल्लव झूम रहे

कहीं रिमझिम-रिमझिम

तो कहीं फुहारें

मन सरस-सरस

कोयल कूके

पिया-पिया

मैं निहार रही सूनी राहें

कब लौटोगे पिया

और तुम पूछ रहे

मन उदास-उदास क्यों है ?