मंचों पर बने रहने के लिए

अब तो हमको भी आनन-फ़ानन में कविता लिखना आ गया

बिना लय-ताल के प्रदत्त शीर्षक पर गीत रचना आ गया

जानते हैं सब वाह-वाह करके किनारा कर लेते हैं बिना पढ़े

मंचों पर बने रहने के लिए हमें भी यह सब करना आ गया