बूंदें कुछ कह जाती हैं

बूंदें कुछ कह जाती हैं

मुझको

सहला-सहला जाती हैं

हंस-हंस कह रहीं

जी ले, जी ले,

रंग-बिरंगी दुनिया

रंग-बिरंगी सोच

उड़ ले, उड़ ले

टप-टप गिरती बूंदें

छप-छपाक-छप

छप-छपाक-छप

खिल-खिल-खिल हंसती

इधर-उधर

मचल-मचलकर

उछल-उछलकर

हंस-हंस बतियाती

कुछ कहती मुझसे

लुढ़क-लुढ़क कर

मस्त-मस्त

पत्ता-पत्ता, डाली-डाली

घूम रहीं,

कानों में कुछ कह जातीं

मैं मुस्का कर रह जाती

हरियाली को छू रहीं

कहीं छुपन-छुपन खेल रहीं,

कब आईं

और कब जायेंगी

देखो-देखो धूप खिली

पकड़ो बूंदें

भागी-भागी