बहुत हो गई यहां सबकी जी हुज़ूरी

अब तो मन कठोर करना ही पड़ेगा

जैसे तुम हो वैसा बनना ही पड़ेगा

बहुत हो गई यहां सबकी जी हुज़ूरी

सब छोड़कर आगे बढ़ना ही पड़ेगा