बस प्यार किया जाता है

मन है कि

आकाश हुआ जाता है

विश्वास हुआ जाता है

तुम्हारे साथ

एक एहसास हुआ जाता है

घनघारे घटाओं में

यूं ही निराकार जिया जाता है

क्षणिक है यह रूप

भाव, पिघलेंगे

हवा बहेगी

सूरत, मिट जायेगी

तो क्या

मन में तो अंकित है इक रूप

बस,

उससे ही जिया जाता है

यूं ही, रहा जाता है

बस प्यार, किया जाता है