बंधनों का विरोध कर

जीवन बड़ा सरल सहज अपना-सा हो जाता है

रूढ़ियों के प्रतिकार का जब साहस आ जाता है

डरते रहते हैं हम यूं ही समाज की बातों से

बंधनों का विरोध कर मन तुष्टि पा जाता है