प्रतिष्ठा

उस अधिकार को पाने के लिए

जो तुम्हारा नहीं है;

दूसरे का अधिकार छीनने के लिए

जो तुम्हारे वश में नहीं है

बोलते रहा, बोलते रहो।

बोलत-बोलते

जब ज़बान थक जाये

तो गाली देना शुरु कर दो।

गाली देते-देते

जब हिम्मत चुक जाये

तब हाथापाई पर उतर आओ।

और जब लगे

कि हाथापाई में

सामने वाला भारी पड़ गया है

तो दो कदम पीछे हटकर

हाथ झाड़ लो -

- लो छोड़ दिया मैंने तुम्हें

- आओ, समझौता कर लें

फिर समझौते की शतें

उसके सिर पर लाद दो।