पैसों से यह दुनिया चलती

पैसों पर यह दुनिया ठहरी, पैसों से यह दुनिया चलती , सब जाने हैं

जीवन का आधार,रोटी का संसार, सामाजिक-व्यवहार, सब माने हैं

छल है, मोह-माया है, चाह नहीं है हमको, कहने को सब कहते हैं पर,

नहीं हाथ की मैल, मेहनत से आयेगी तो फल देगी, इतना तो सब माने हैं