नाप-तोल के माप बदल गये

नाप-तोल के माप बदल गये, सवा सेर अब रहे नहीं

किसको नापें किसको तोलें, यह समझ तो रही नहीं

मील पत्थर सब टूट गये, तभी तो राहों से भटक रहे

किसको परखें किसको छोड़ें, अपना ही जब पता नहीं