नई राहें

नई राहें

तो सरकार बनवाती है।

कभी मरम्मत करवाती है,

कभी गढ्ढे भरवाती है।

कभी पहाड़ कटते हैं,

तो कभी नदियों के

रास्ते बदलते हैं।

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और हमारी राहें!

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राहें तो पुरानी होती हैं

बस हमारी चालें

नई होती हैं।