दुराशा

जब भी मैंने

चलने की कोशिश की

मुझे

खड़े होने लायक

जगह दे दी गई।

जब मैंने खड़ा होना चाहा

मुझे बिठा दिया गया।

और ज्यों ही मैंने

बैठने का प्रयास किया

मुझे नींद की गोली दे दी गई।

 

चलने से लेकर नींद तक।

लेकिन मुझे फिर लौटना है

नींद से लेकर चलने तक।

जैसे ही

गोली का खुमार टूटता है

मैं

फिर

 चलने की कोशिश

करने लगती हूं।