दुनिया नित नये रंग बदले

इधर केशों ने रंग बदला और उधर सम्बोधन भी बदल गये

कल तक जो कहते थे बहनजी उनके हम अम्मां जी हो गये

दुनिया नित नये रंग बदले, हमने देखा, परखा, भोगा है जी

तो हमने भी केशों का रंग बदला, अब हम आंटी जी हो गये