दिल आजमाने में लगे हैं

अब गुब्बारों में दिल सजाने लगे हैं

उनकी कीमत हम लगाने लगे हैं

पांच-सात रूपये में ले जाईये मनचाहे

फुलाईये, फोड़िए

या यूं ही समय बिताने  में लगे हैं

मायूसे दिल की ओर तो कोई देखता ही नहीं

सोने चांदी के भाव अब लगाने लगे हैं

दिल कहां, दिलदार कहां अब

बातें करते बहुत

पर असल ज़िन्दगी में टांके लगाने लगे हैं

कुछ तुम दीजिए, कुछ हमसे लीजिए

पर फोड़ना इस दिल को

काटना इसे

असलियत निकल आयेगी

खून बहेगा, आस आहें भरेंगी

बस रोंआ-रोंआ बिखरेगा

सरकार ने प्लास्टिक बन्द कर दिया है

बस इतनी सी बात हम बताने में लगे हैं

समझ आया हो कुछ,  तो ठीक

नहीं तो हम

कहीं और दिल आजमाने में लगे हैं।