जीवन कोई विवाद नहीं

जीवन में डर का भाव

कभी-कभी ज़रूरी  होता है,

शेर के पिंजरे के आगे

शान दिखाना तो ठीक है,

किन्तु खुले शेर को ललकारना

पता नहीं क्या होता है!

 

जीवन में दो कदम

पीछे लेना

सदा डर नहीं होता।

 

 

जीवन कोई विवाद नहीं

कि हम हर बात का मुद्दा बनाएं,

कभी-कभी उलझने से

बेहतर होता है

पीछे हट जाना,

चाहे कोई हमें डरपोक बताए।

 

जीवन कोई तर्क भी नहीं

कि हम सदा

वाद-विवाद में उलझे रहें

और जीवन

वितण्डावाद बनकर रह जाये।

 

शत्रु से बचकर मैदान छोड़ना

सदा डर नहीं होता,

जान बचाकर भागना

सदा कायरता नहीं होती,

नयी सोच के लिए,

राहें उन्मुक्त करने के लिए,

बचाना पड़ता है जीवन,

छोड़नी पड़ती हैं राहें,

किसी अपने के लिए,

किसी सपने के लिए,

किन्हीं चाहतों के लिए।

फिर आप इसे डर समझें,

या कायरता

आपकी समझ।