जीवन की नश्वरता का सार

अंगुलियों से छूने की कोशिश में भागती हैं ये ओस की बूंदें

पत्तियों पर झिलमिलाती, झूला झूलती हैं ये ओस की बूंदें

जीवन की नश्वरता का सार समझा जाती हैं ये ओस की बूंदें

मौसम बदलते ही कहीं लुप्त होने लगती हैं ये ओस की बूंदे