छोटा-सा जीवन है हंस ले मना

छोटा-सा जीवन है हंस ले मना     

जीवन में

बार-बार अवसर नहीं मिलते,

धूप ज्यादा हो

तो सदैव बादल नहीं घिरते,

चांद कभी कहीं नहीं जाता

बस हमारी ही समझ का फेर है

कभी पूर्णिमा

कभी ईद और कभी अमावस

की बात करते हैं

निभा सको तो निभा लो

हर मौसम को जीवन में

यूं जीने के अवसर

बार-बार नहीं मिलते

रूठने-मनाने का

सिला तो जीवन-भर चला रहता है

अपनों को मनाने के

अवसर बार -बार नहीं मिलते

कहते हैं छोटा-सा जीवन है

हंस ले मना,

यूं अकारण

खुश रहने के अवसर

बार-बार नहीं मिलते