छनक-छन तारे छनके

ज़रा-सा मैंने हाथ बढ़ाया, नभ मेरे हाथ आया

छनक-छनक-छन तारे छनके, चंदा भी मुस्काया

सूरज की गठरी बांधी, सपनों की सीढ़ी तानी

इन्द्रधनुष ने रंग बिखेरे, मनमोहक चित्र बनाया

बदली के पीछे से कुछ बूंदे निकली, मन भरमाया