चिराग जलायें बैठे हैं

घनघोर अंधेरे  में

जुगनुओं को जूझते देखा।

गहरे सागर में

दीपक को राह ढूंढते

तिरते देखा।

गहन अंधेरी रातों में

चांद-तारे भी

भटकते देखे मैंने,

रातों की आहट से

सूरज को भी डूबते देखा।

और हमारी

हिम्मत देखो

चिराग जलायें बैठे हैं

चलो, राह दिखाएं तुमको।