चाय सुबह मिले या शाम को

सुबह की चाय और मीठी नींद की बात ही कुछ और है।

एक से बात कहां बनती है, दो-चार का तो चले दौर है।

ठीक नशे का काम करती है चाय, सुबह मिले या शाम को,

कितनी भी मिल जाये तो भी मन पूछता है, और है? और है?