चलो आज कुछ नया-सा करें

चलो

आज कुछ नया-सा करें

न करें दुआ-सलाम

न प्रणाम

बस, वन्दे मातरम् कहें।

 

देश-भक्ति के न कोई गीत गायें

सब सत्य का मार्ग अपनाएं।

 

शहीदों की याद में

न कोई स्मारक बनाएं

बस उनसे मिली इस

अमूल्य धरोहर का मान बढ़ाएं।

 

न जाति पूछें, न धर्म बताएं

बस केवल

इंसानियत का पाठ पढ़ाएं।

 

झूठे जयकारों से कुछ नहीं होता

नारों-वादों कहावतों से कुछ नहीं होता

बदलना है अगर देश को

तो चलो यारो

आज अपने-आप को परखें

अपनी गद्दारी,

अपनी ईमानदारी को परखें

अपनी जेब टटोलें

पड़ी रेज़गारी को खोलें

और अलग करें

वे सारे सिक्के

जो खोटे हैं।

घर में कुछ दर्पण लगवा लें

प्रात: प्रतिदिन अपना चेहरा

भली-भांति परखें

फिर किसी और को दिखाने का साहस करें।