घर की पूरी खुशियाँ

आंगन में चरखा चलता था

आंगन में मंजी बनती थी

पशु पलते थे आंगन में

आँगन  में कुँआ होता था

आँगन  में पानी भरते थे

आँगन  में चूल्हा जलता था

आँगन  में रोटी पकती थी

आँगन में सब्ज़ी उगती थी

आँगन में बैठक होती थी

आँगन में कपड़े धुलते थे

आँगन में बर्तन मंजते थे।

गज़ भर के आँगन  में

सब हिल-मिल रहते थे

घर की पूरी खुशियाँ

इस छोटे-से आँगन में बसती थीं

पूरी दुनिया रचती थीं।