कौन हैं अपने कौन पराये

कुछ मुखौटै चढ़े हैं, कुछ नकली बने हैं

किसे अपना मानें, कौन पराये बने हैं

मीठी-मीठी बातों पर मत जाना यारो

मानों खेत में खड़े बिजूका से सजे हैं