कौन देता है आज मान

सादगी, सच्चाई, सीधेपन को कौन देता है आज मान

झूठी चमक, बनावट के पीछे भागे जग, यह ले मान

इस आपा धापी से बचकर रहना रे मन, सुख पायेगा

अमावस हो या ग्रहण लगे, तू ले, सुर में, लम्बी तान