कोहरे का कोहराम है

कोहरे का कोहराम है, हमें तो आराम है

छुट्टी मना रहे, घर में कहां कोई जाम है

आग तापते, जब मन चाहे सोते-जागते

कौन पूछने वाला, मनमर्जी से करते काम हैं