किसी को नहीं चिन्ता किसी की

कर्त्ता-धर्ता बन बैठे हैं आज निराले लोग

जीवित लोगों का देखो यहां मनाते सोग

इसकी-उसकी-किसको, कहां पड़ी है आज

श्मशान घाट में उत्सव मनाते देखे हमने लोग