कितने बन्दर झूम रहे हैं

शेर की खाल ओढ़कर शहर में देखो गीदड़ घूम रहे हैं

टूटे ढोल-पोल की ताल पर देखो कितने बन्दर झूम रहे हैं

कौन दहाड़ रहा पता नहीं, और कौन कर रहा हुआं-हुंआ

कौन है असली, कौन है नकली, गली-गली में ढूंढ रहे है।