कहां गई तुम्हारी अम्मां

छोटी-सी छतरी तानी मैंने।

दाना-चुग्गा लाउंगा,

तुमको मैं खिलाउंगा।

मां कहती है,

बारिश में भीगो न,

ठंडी लग जायेगी।

मेरी मां तो

मुझको गुस्सा करती,

कहां गई तुम्हारी अम्मां।

ऐसे कैसे बैठे हो,

अपने घर जाओ,

कम्बल मैं दे जाउंगा।

कल जब धूप खिलेगा

तब आना

साथ-साथ खेलेंगे,

मेरे घर चलना,

मां से मैं मिलवाउंगा।