उलझनों से भागकर सहज लगता है जीवन

तितलियों संग देखो उड़ता फिरता है मन

चांद-तारो संग देखो मुस्कुराता है गगन

चल कहीं आज किसी के संग बैठें यूं ही

उलझनों से भागकर सहज लगता है जीवन